Quantum computer Kya Hota Hai .क्वांटम कंप्यूटिंग क्या होता है।

 Quantum computer Kya Hota Hai .क्वांटम कंप्यूटिंग  क्या होता है। 

In 1998 Isaac Chuang ,Los Alamos National Laboratory, Neil Gershenfeld , Massachusetts Institute of Technology (MIT),  Mark Kubinec , University of California , Berkeley ,U.S.A.

क्वांटम कंप्यूटिंग 

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 .                                                    क्वांटम कंप्यूटिंग  क्या होता है।
क्वांटम कंप्यूटिंग  क्या होता है।यह  एक अणु  से भी छोटा  होता है। जिसके आधार पर टेक्नोलॉजी  को बनाया गया है। असल में हमारे आस पास पाए जाने वाले सबसे छोटे पाटिकुलर क्वांटमहोते हैं। लेकिन उनके उपस्थिति हैरतअंगेज होती है। उनकी उपस्थति ही , हमें प्रभावित करती  हैं और उन्हीं टेक्नोलॉजी  लेकर जो कंप्यूटिंग की जाती है। क्वांटम कंप्यूटर करते हैं। 

why .. ?

यह बहुत तेज कंप्यूटिंग होती है। बहुत बड़े लेवल पर गणना करने में सक्षम होती है।  इसलिए इस टेक्नोलॉजी पर सारी दुनिया शोध कर रही है। यदि हमें टेक्नोलॉजी पा लेते हैं तो कंप्यूटर कि दुनिया बदल जाएगी।  कंप्यूटर सुपर कंप्यूटर से भी तेज कंप्यूटर बना सकते हैं। 

Benifit 

इन कंप्यूटर से हम दुनिया में कई राज को खोल सकते हैं। ब्लैक होल और स्पेस टाइम जैसे रहस्य में विज्ञान को समझ सकते हैं और एक टाइम मशीन का भी निर्माण कर सकते हैं। अपने शरीर को डीएनए लेवल पर समझ कर, हम अपने आप को टेलिपोर्ट भी कर सकते हैं। यदि हमारे पास ऐसा कंप्यूटर हो ,तो  हम अपने आप को एटम लेवल कॉपी कर सकते है।  हम अपनी कॉपी भी बना सकते हैं और अपने आपको कहीं और टेलिपोर्ट कर सकते हैं। 

और 

हालांकि यह भी काफी मुश्किल और ऐसा हो सकता है। लेकिन क्वांटम  कंप्यूटर आने के बाद यह संभव हो जायगा।  हम नई दवाएं और इन्वेंशन कर सकते हैं। इसके लिए हमारा  कंप्यूटर ही काम करेगा , हमें तो केवल उसमें डाटा ही डालना होगा। 

कठनाई 

लेकिन क्वांटम  कंप्यूटर को रखना अभी बहुत मुश्किल है। इसको बनाना और भी मुश्किल है। हमें  क्या क्या परेशानी होती है इस पार्टिकल  को संभाल सके और उनकी गणना कर सकें। उस में आने वाले बदलाव को समझ कर , इससे हम कंप्यूटिंग का लाभ उठा सकें। 

quantum पार्टिकल?

क्वांटम पार्टिकल्स बहुत रहस्यमयी  होते हैं। एक जगह से दूसरी जगह जाने में इन्हे बहुत कम समय लगता है। कई बार एक ही पार्टीकल  को  दो जगह देख  सकता है। इसलिए ऐसी अवस्था से बचने के लिए हमें पार्टिकल को  बहुत ठंडे तापमान में रखना होता है। इतना ठंडा तापमान जो हमें डीप स्पेस में मिलता है , उससे भी ठंडा अट्मॉस्फेर  एक ही तौर बन सकता है , हमें पहले ऐसी डिवाइस बनानी होंगी ,जो इतना ठंडा तापमान बना सकें। वैसे तो यह कोई मुश्किल नहीं है। इसमें कोई कठनाई  नहीं है। 

कौन कौन से देश ..... 

क्वांटम कंप्यूटर पर वैसे तो पूरी दुनिया ही काम कर रही है। लेकिन अमेरिका की आईबीएम ,जापान  काफी आगे निकल गए  है। रशिया की सरकार  पर काम कर रही है। इस तरह के प्रोजेक्ट सारी दुनिया गुप्त रखती है। ताकि उनके रिसर्च चोरी ना हो जाए। वैसे तो चाइना ने 2018 में ही क्वांटम  कंप्यूटर बनाने का दावा किया था। लेकिन अभी भी दुनिया में किसी को भी उसके दावों पर विश्वास नहीं है।


 रियल क्वांटम  कंप्यूटर बनाना अभी संभव नहीं है। लेकिन उस पर थोड़ी तेजी से काम चल रहा है। आईएमसी कंपनी उस पर लाखों डॉलर  लगा चुकी है और उसका डिजाइन तैयार कर लिया है।  हर एक्सपेरिमेंट में दुनिया को पॉजिटिव रिजल्ट ही मिले हैं। 

योगदान 


क्वांटम टेक्नोलॉजी  में क्वांटम फिजिक्स का बहुत बड़ा रोल है। यदि अल्बर्ट आइंस्टाइन के यह Einstein's ग्रेट  equation formula e=mc2था।  तो क्वांटम  कंप्यूटर संभव  है।In 1998 Isaac Chuang ,Los Alamos National Laboratory, Neil Gershenfeld , Massachusetts Institute of Technology (MIT),  Mark Kubinec , University of California , Berkeley ,U.S.A. स्टीफन हॉकिंस जैसे वैज्ञानिकों ने इस टेक्नोलॉजी को बनाने में बहुत बड़ा काम किया है। इस के आलावा आने वाले वक्त में यदि क्वार्टर कंप्यूटिंग होती है। तो हमें गर्व होना चाहिए कि इस टेक्नोलॉजी को बनाने में पूरी दुनिया के वैज्ञानिकों ने 100 साल से भी ज्यादा समय लगाकर तैयार किया और दुनिया को बदलने में योगदान दिया। 

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